सभी का काम नहीं होता -- पंकज त्रिवेदी
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सब्र करना तो हर किसी का काम नहीं होता
जानकर चूप रहना किसी का काम नहीं होता
शब्द तुम्हें दिया है ब्रह्म ने तो मेरी झोली में भी है
वक्त के साथ शब्द को देना सभी का काम नहीं होता
आसमाँ बरसे मूशालाधार या धरती कहीं फट जाएं
ज़ख्म शब्दबाण का भरना सभी का काम नहीं होता
तुम्हारा भी मौन बोलता है कभी शब्द के बदले में
प्यार के नाम गूंजते शब्द सभी का काम नहीं होता
मिला है जन्म इंसा का कुछ इस तरह जी लो तुम
उठने के बाद याद करना सभी का काम नहीं होता
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