सरकार की आलोचना करने पर
संभव आप मेरी जान ले-लें
मेरे मरने के बाद आप चाहें
मेरे सर पर लाल गमछा या
जालीदार टोपी पहना दें।
उसके लिए आप स्वतंत्र हैं
उम्मीद है आप प्राप्त सूचना के
मुताबिक़ काम करेंगे।
मैं उसका विरोध नहीं कर पाऊंगा
मगर मुझे मारने से पहले आपसे
एक विनती है मेरी, मानोगे क्या?
मेरे देश की संसद चलने दो
लोकतंत्र-इतिहास को रहने दो।
क्योंकि आप लिखा हुआ मिटा पाओगे
किताबें छपवाकर बाँट सकोगे देश में
देश को बर्बाद भी कर पाओगे मगर
लोगों के
ज़हन में इस देश को कैसे बदलोगे?
सत्ता आती रहेगी, जाती रहेगी
मगर यह देश रहेगा कोई बोला था ।
तब देश नतमस्तक उन्हें, सुनता था,
क्योंकि उसमें देश का सौदा नहीं था ।
बेशक मार डालना मुझे, और फिर चाहें करो
झोला तो फ़कीरी का प्रतीक है न?
क्या पता था, किसी जादूगर की तरह
उसमें सत्ता के नशे की बोतल भी थी।।
*
पंकज त्रिवेदी
07-अप्रैल-2023
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