Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सुप्रभात.

 


सुप्रभात...
नया दिन, नई रौशनी और नए विचार 
बीते दुखों के बादलों को छंटकर निकला 
अपनी पूर्ण ओजस्वी प्रतिभा को लेकर 
आओ तुम भी उसी ऊर्जा को लिए यहाँ 
तुम्हारा ही इन्तजार है मुझे चौखट पर 
कोइ नई बात करें कोइ नया काम करें 
जो तेरे मेरे न होकर समष्टि को काम आएं 
- पंकज त्रिवेदी


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