Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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यही तो आँगन है

 
यही तो आँगन है
झूला 
तुलसी का पौधा 
हरसिंगार का पेड़ 
मेहमानों के पैरों की उभरी हुई निशानीयाँ 
बच्चों की किलकारी 
सुबह अखबार, दोपहरी डाक 
पत्रिकाएँ - किताबें 
और 
चुपके दबे पाँव तेरा आना और 
बोलते हुए पाज़ेब से 
खुशियों का खज़ाना !
*
पंकज त्रिवेदी
24 July 2018

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