Pankaj Trivedi
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मेरे अज्ञान को भी तुमने स्वीकार किया
मैं कैसे कहूं तुम कौन हो और क्या मेरा
बचपना कभी नासमझी का सिलसिला
चंद शब्दों के ज्ञान में भला क्या हो मेरा
ब्रह्माण्ड के अणु अणु में असीम संभावना
परमाणु का भी अस्तित्व कहीं नहीं मेरा
*
- पंकज त्रिवेदी
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