Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

बीते बीते मौसम में

 


अपनी संपूर्ण संपत्ति का प्रदर्शन करते,
अपनी पुरुष देह से लेकर बच्चे तक का,
संभवतः बहुत उच्च अधिकारी वो,
प्राइवेट तेल कंपनियों के इंस्पेक्टर,
विदेशी शहरों के डाउनटाउन,
की बहुत महंगी लिफ्ट्स में,
अपनी घी और चीनी पुती मुस्कराहट से,
भिखमंगे से दिखते,
या उससे भी बदतर,
कमतर,
एक साथ अपनी मांस पेशी फडकाते,
अपने बच्चे को टाँगे, मुस्कुराते,
एक नवोदित जेंडर वार में,
तरसाते उसे,
उस समाज के नाम पर,
उस बेहद नफीस लड़की को,
जिसे भीख देना नहीं आता था।
न माँगना।
जिसे जबरदस्ती अगवा कर लिया गया था,
एक लड़ाई में।
आती थी एक बात,
कि धौंस की भी भीख होती है,
और भीख की भी धौंस।


-------------------------पंखुरी सिन्हा

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ