हर किसी के होते हैं,
अमूमन,
दो नाम,
घरेलू,
घर के नाम,
प्यार के,
पुकारा जाता है,
हर किसी को,
कई नामों से,
कई, कई नामों से,
इनके, उनके द्वारा,
दोस्त, मित्रों द्वारा,
और जबकि उसका नाम बहुत, बहुत मशहूर था,
यानि वह नाम बहुत मशहूर था,
कई कई लोगों के नाम थे उस नाम के,
नामी, गिरामी लोगों के,
लेकिन मेरे लिए,
उस नाम का सिर्फ एक मतलब था,
मेरा पड़ोसी,
मेरे उस घर की बगल का पड़ोसी,
जो दुनिया में मुझे सबसे अज़ीज़ था,
जो फिलहाल मेरी पहुँच से बाहर था,
दूर मुझसे घर मेरा,
मेरी सारी हस्ती उस घर में सिमटी थी,
मेरा रहना, मेरा बसना, पौधे उगाने के सपने देखना,
और कहना उन पौधों की बातें,
पड़ोसी से उस,
जो मित्र था,
जिसकी दूसरी नागरिकता थी,
जो दूसरे देश का था,
जो वहीँ का था।
---------------------- पंखुरी सिन्हा
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