Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कोई नहीं कहता हमसे अब के इश्क कीजिये

 

कोई नहीं कहता हमसे अब के इश्क कीजिये
उनका हाल य़े दिल जो सुन रखा है सबने

 

उन्हें मिलेगा जरुर मुझ से बेहतर ही कोई
यही ज़माने में अब कहा रखा है सबने

 

उन्होंने सहा जुदाई को आसानी से इतनी
मुझे ही बस गुन्हेगार बना रखा है सबने

 

परीक्षित 'अंतिम अन्नंत

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