हर दिन की शुरुवात तेरी याद
हर शब से पहले तेरी याद
ख्वाबो से भरी मेरी तनहा राते
हर ख्वाब का नतीजा तेरी याद
दिन भर में जाने कितनी सांसे
हर साँस में घुली तेरी याद
पूछती है दनिया सवाल कितने
हर सवाल में छुपी तेरी याद
तुझसे दूर जैसे हर पल इक सदी
हर पल उस सदी का तेरी याद
बारिश में गिरे यू हजारो आंसू
हर अश्क पर लिखी तेरी याद
-परीक्षित 'निशात'
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