Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हाइकु में अलंकार-2

 

1.शब्द सरल,
तात्पर्य गूढ़ व्यंग्य,
वक्रोक्ति जानो।

 

 

2.सादर शब्द,
आवृत्ति कई मिल,
वीप्सालंकार।

 

 

3.उपमान को,
उपमेय बना दें,
प्रतीप जानो।

 

 

4.आए स्मृति में,
पूर्व देखा-सुना जो,
स्मरण कहो।

 

 

5.बात कह जो,
इवादि से पुष्टि हो,
उदाहरण।

 

 

6.दो पदार्थों की,
सादृश्यता कल्पित,
निदर्शना में।

 

 

7.प्रस्तुत में हो,
अप्रस्तुत का ज्ञान,
समासोक्ति में।

 

 

8.कारण बिना,
कार्योत्पत्ति वर्णन,
विभावना है।

 

 

9.धर्म एक हो,
प्रस्तुत-अप्रस्तुत,
दीपक जले।

 

 

10.प्रस्तुत श्रेष्ठ,
अप्रस्तुत न्यून
व्यतिरेक में।

 

 

11.सादृश्यता से,
वस्तु भिन्न प्रतीत,
भ्रमालंकार।

 

 

12.कारण कहीं,
कार्य घटित कहीं,
विसंगति है।

 

 

("अलंकार मंजूषा" से)

 

 

पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'

 

 

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