Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्रभु प्रार्थना सुन लीजिए

 

प्रभु प्रार्थना सुन लीजिए।
सद्बुद्धि नर को दीजिए॥

 

अब नारियोँ की देह का,
आ आप रक्षण कीजिए।

 

चहुँ ओर रावण सैन्य है,
संहार इसका कीजिए।

 

दिल्ली-बदायूँ सी कहीं,
घटना घटित मत कीजिए।

 

घर-द्वार-बाहर डस रहें,
किँचित हलाहल पीजिए।

 

अन्याय कैसा घोरतम्,
निज चक्र कर में लीजिए।

 

दिन-रात 'पूतू' सोचता,
अब त्राण ईश्वर कीजिए।

 

 

 

पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'

 

 

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