सब कहते हैं इंसान बड़ा है।
लेकिन वह तो नादान बड़ा है॥
काँटे कितने और सफर लंबा,
कटना मुश्किल सामान बड़ा है।
पेचीदा काम बड़ा मिलना है,
ख्वाबोँ में तो आसान बड़ा है।
कल तक ग़म तक्सीम किया करते,
आज लगा जो अनजान बड़ा है।
जेब पड़ी खाली ताज बनाना,
लोग कहेंगे अरमान बड़ा है।
लुटती अस्पत देखे खामोशी से,
शहर हमारा हैवान बड़ा है।
'पूतू' अनमोल कहे आँसू हैं,
यूँ ही बहते हैरान बड़ा है।
पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY