देवेश बैठा टी.वी. देख रहा था।चेहरे पर बुलबुले की तरह भाव बन बिगड़ रहे
थे।चाय का प्याला लबोँ और मेज के बीच आ जा रहा था।पंखा झलकर पसीना सुखाने
की नाकाम कोशिश कर रहा था।इसी बीच उसका सात वर्षीय भतीजा आकर गोद में बैठ
गया,उसने भतीजे के गालोँ का हलका बोसा लिया।भतीजे के होंठों पर हँसी
कबड्डी खेलने लगी।देवेश के भतीजे ने उससे पूछा-"चाचू!यह क्या देख रहे हैं
आप?"
देवेश ने हँसकर कहा-"यह शपथग्रहण समारोह का सीधा प्रसारण है।" भतीजा
बोला-"चाचू! शपथ क्या होती है?" देवेश ने बताया-"यह एक प्रकार की कसम
होती है,जो सभी सांसदोँ को लेनी होती है।"भतीजे ने बड़ी ही मासूमियत से
पूछा-"लेकिन चाचू मम्मी तो कहती हैं कि कसम झूठे खाते हैं,क्या ये सभी
झूठे हैं?"
देवेश को कुछ जवाब न सूझा केवल मुस्कुरा दिया।
पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'
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