Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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ताँका

 

1.काले बादल,
नीला आसमान है,
हरी धरा भी,
बरखा रानी लाई,
कितने प्यारे रंग।

 

 

2.आँखें हैं पीली,
आनन लाल पड़ा,
तन है काला,
फटी नीली कमीज,
रंगीला मजदूर।

 

 

3.लाल जोड़े में,
हाथ हुए हैं पीले,
मांग सिंदूरी,
माता के नैना लाल,
घर हुआ बेरंग।

 

 

4.सब कहते,
मेहनत लाएगी,
कभी तो रंग,
परंतु कैसा होगा?
लाल,हरा या नीला?

 

 

पीयूष कुमार द्विवेदी 'पूतू'

 

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