| Sat, Jan 25, 7:25 PM (13 hours ago) |
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देश भक्ति यह भी है।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस, देश के हर नागरिक के लिए गौरव का दिन, देश के हर नागरिक के लिए सम्मान का दिन। क्या सचमुच हम सम्मान करते हैं इस दिन का? क्या सचमुच हम गौरव महसूस करते हैं? गणतंत्र दिवस की गौरव में दिन को हम मस्ती काम से छुट्टी का दिन समझ कर ,आराम ,पिकनिक पार्टी इसमें व्यतीत करते हैं ।एक बार विचार करें ,याद करें, कैसे मिली हमें ये हमें। इस आजादी के लिए कितनी तकलीफ उठाई, उन शहीदों ने जिनके लिए मातृभूमि सर्वोपरि थी। वह भी किसी की बेटे रहे थे, किसी के पति रहे थे ,किसी के भाई और उनका भी हमारी तरह हाड मांस का शरीर था ।पर एक चीज हमसे भिन्न न थी उनमें देश प्रेम का जज्बा था ।जिसे वह इतनी तकली फों, इतनी यात्राओं के बावजूद भी अपनी आत्मा से दूर नहीं कर पाए और हमें दिला कर गए आजादी। क्या हम उस आजादी को सही तरह से संभाल पाए, क्या हम इस गौरव मय राष्ट्र का सम्मान बढ़ा रहे हैं ? सच्चे अर्थों में क्या हम इस देश के नागरिक कहलाने योग्य हैं। जैसे हम अपने शरीर की प्रतिदिन किसी न किसी तरह से देखभाल करते हैं। अपने घर की किसी ने किसी तरह से देखभाल करते हैं ।अपने परिवार की चिंता करते हैं। क्या उसी तरह हम राष्ट्र की भी चिंता करते हैं कि हमें परवाह है हमारे देश की। इस सवाल का जवाब आप दे सकते हैं कि हम क्या कर सकते हैं ।
मेरे भाइयों हम इस गौरवमई देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। इसकी शुरुआत हमको छोटी-छोटी बातों से करनी होगी मैं किसी शहादत किसी बलिदान अथवा किसी त्याग की बात नहीं कर रही। मैं सिर्फ बात कर रही हूं अपने मन में, अपने तन से, देश प्रेम को व्यक्त करना सीखें ।इसके लिए आपको प्रतिदिन अपने राष्ट्र के प्रति कुछ ना कुछ अच्छा सोचना होगा। उसके बाद बारी आती है कुछ अच्छा करने की ।हमें हर काम के लिए सरकार पर निर्भर रहकर स्वयं को लाचार साबित नहीं करना चाहिए। जो काम हम कर सकते हैं वह हम करें ।जैसे साफ सफाई रखना ईमानदारी से अपना काम करते रहना।
आज के समय की देन सोशल मीडिया में अफवाहों पर ध्यान न देते हुए राष्ट्रप्रेम में देशभक्ति का जज्बा बनाए रखे। अफवाहें हमें कहां गलत राह पर ले जाती हैं हम स्वयं नहीं जान पाते अतः आधुनिक तकनीक का प्रयोग सकारात्मक रूप से करें ,न कि नकारात्मक रूप से। गणतंत्र दिवस पर अपने बच्चों को उसका महत्व समझाएं एक बार उन शहीदों को, उन सैनिकों को सच्चे दिल से याद करें जिन्होंने इस देश को बनाए रखने में अपनी जान की बाजी लगा दि। अपने बच्चों को अथवा परिवार जनों को कुछ तो ऐसा बताएं जो हमारे लिए गौरव की बात है। अब दूसरे अन्य देशों का इतिहास उठाकर देखें किसी देश के पास इतनी बड़ी सांस्कृतिक धरोहर नहीं है ऐसा गौरवमय इतिहास नहीं है जैसा हमारे पास है। इसे महसूस करें स्वयं को सौभाग्यशाली माने। की हमने इस देश में जन्म लिया है 15 अगस्त 26 जनवरी इन्हीं 2 दिनों नहीं वरन रोज अपने देश को अपनी मातृभूमि को एक बार दिल से नमन करें। आपके सकारात्मक विचारों से ही आप महसूस करने लगेंगे कि आपने देश के लिए कुछ किया है। देश किसी का बलिदान नहीं चाहता, देश चाहता है निष्ठा ,प्रेम और भाईचारा। क्या यह सब भाव इतने कठिन है कि हम इन्हें अपना नहीं सकते।
अतः निवेदन है की गणतंत्र दिवस पर आप अपना दिन देश को समर्पित करते हुए किसी अच्छे काम अच्छे, विचारों के साथ व्यतीत करें । यह भी सच्ची देशभक्ति है। आप जानते हैं कि भगवान राम जब 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे ।भरत ने उनके स्थान पर राजपाट संभाला था ।तो एक भी नागरिक को उसका कर्तव्य याद नहीं दिलाना पड़ा था सबने स्वत: ही अपनी जिम्मेदारी संभाल ली थी। भगवान कृष्ण जब मथुरा वासियों की रक्षा के लिए उन्हें इतनी दूर द्वारिका तक ले आए थे तब क्या किसी ने प्रश्न किया था। क्योंकि उनको अपने नेता पर अटूट विश्वास था और उनके नेता को अपनी प्रजा पर पूरा विश्वास था। ऐसा विश्वास हम अपनी सरकार को नहीं दे सकते अथवा क्या हमारी सरकारें हमारे प्रति निष्ठावान होकर हमें इतना विश्वास नहीं दे सकती। प्रयास दोनों और से करने की आवश्यकता है पर मेरी देशवासियों से विनती है कि आप प्रतिदिन कुछ पल देश के बारे में सोचें कुछ अच्छा करें भले छोटा सा ही करें पर कुछ प्रयास अवश्य करें।
प्रभा पारीक ,भरूच
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