Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्रगती

 

देश में इतनी सडकें इतने पुल इतने वाहन कभी नहीं थे
फिर भी मनुष्य नहीं था इतना अकेला
इतनी सडके इतने कम मार्ग?
इतने सारे रोग इतने कम डाक्टर?
इतने सारे स्कूल इतनी कम शिक्षा?
इतने सारे मानव इतने कम मनुष्य
इतने मकान इतने कम घर
इतने प्रसाधन इतना कम सौन्दर्य
वाह री प्रगती ,उन्नती
तुझे दौनो हाथों से सलाम

 

 

 

प्रभा पारीक

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