रिम झिम रिम झिम बारिश की फ़ुहार और मस्ती का खुमार
बारिश में मस्ती के बहाने ठंुठने की जरूरत नही पडती, यह मौसम ही कुछ ऐसा होता हैं कि उदासी को दूर भगा कर जीने की नई उमंग भर देता हैं। प्रकृति भी तो अपने परम सौन्दर्य पर होती हैं
कुछ प्रदेशों में पूरे तीन चार महिने बरसात रहती हैं पर कुछ प्रदेशों में तो पूरे मौसम में एक दो दिन ही बरसात होती हैं ऐसे में आपके पास बरसात का आन्नद लेने के लिये किसी आयोजन करने का समय नही होता। बस निकल पडो और घर आये आन्नद के अवसर को जाने मत दो।
बरसात के पानी में जमकर नहाॅयें सारे वर्ष भर के स्नान का मजा एक फुहार से ही मिल जायगा।
अपने अत्यंत रगीन कपडों को पहन कर सबके साथ मजा ले। मनभावन हेयर स्टाईल बनाकर मजे लें।ं
अपनी छतरी रेनकोट वगरह को उपयोग न करे तो खोलकर माहौल तो बनायें।
बच्चों को मौसम का मजा लेने को प्रोप्साहित करे आप उनका साथ दें
बरसाती पानी में नाव चलाने का अधिकार सबको हैं आप भी अपने बच्चों के साथ बचपन का सा आन्नद लें।
चटपटी वस्तुये बनाकर भीगते भीगते खांये। बाद में चाहे पकवान खांयेगे पर जो मजा बरसात में भुटटा मुगफली खाने का हैं वो उसमें नही हैं पानी पूरी में उपर से बरसात का पानी हो तो मजा दुगुना होगा।
रंगीन कागज की कतरने पानी में बहाये।
कीट पतंगो की प्रतिक्रिया का आन्नद ले मोर का नृत्य देखे फोटो खिंचे
पानी की बुंदों का पकडना उनको गिनना, उपके बनते बिगडते बबूलों का आनन्द लेना अपने पालतु कुत्ते बिल्ली पक्षी के साथ बरसात में घूमें
कोई ऐसा गीत कविता भजन जो अधिकांश सबको आता हो उसे गाते हुये आन्नद मनाये
एक दूसरे पर पानी उडाकर मजे करे खूब हॅसे खिल खिलाय और बरसात का मजा लेलें उसके बाद अदरक तुलसी की चाय पीकर अपनी सर्दी भगायें।
प्रेषक प्रभा पारीक
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