महिलाओं को दिन भर में कामकाज के लिये अनेक बार निकलना जरूरी हो जाता हैं एैसे में दफतर से आते समय हादसा, कैब से घर लौटते समय छेडखानी या अन्य छेडखानी आदी की बातंे वारदात सुनकर किसका मन नही घबरा जाता । सभी ऐसा ही चाहते हैं कि इस तरह की अनहोनीं हमारे सााथ न घट जायें अपनी सुरक्षा के लिये हम कितने सजग हैं
क्या आपने कभी विचार किया हैं कि रोज तरह तरह की परेशानी छेडखान हादसों कीे परेशानी को सुनकर मन थर्रा जाता हैं की आपके साथ यदि एैसा हो ते एैसे में आप क्या कर सकेगी कैसे सामना करेंगी कुछ आसान तरीके हैं जिन्हे अपना कर किसी भी परिस्थिति से आसानी से निमटा जा सकता है।
ऽ किसी भी मुसीबत के समय अपनी मानसिक स्थिरता न खोये घबराहट के कारण आप सक्ष्म होने पर भी उचित कदम नहीं
ऽ उठा पायेंगी और बाद में अफसोस करती रह जायेंगी।
ऽ जागरूक बने-किसी भी जगह जाने से पहले उस जगह के बारे में जरूरी जानकारी एकत्रित करे इससे समाज में हो रहे अपराध से आपका सचेत रहने में मदद मिलेगी।
ऽ पर्स में पेपर स्प्रे पेंट ,गन, छोटा चाकु जैसे छोटे छोटे औजार अपने साथ रखने की आदत बना लंे --इन उपकरणों को प्रतिदिन प्रयोग न भी हो तो भी यह कब काम आ जाये कुछ कहाॅ नही जा सकता पर आप सुरक्षित महसूस केंगी।
ऽ अपनी बाडी लैग्वेज भाव भंगिमाओं पर नियंत्रण रखें--यदि आप सार्वजनिक वाहन में रोज सफर करती हैं तो अपनी भाव भंगीमाओं पर नियंत्रण रखें मसलन ढीले वस्त्र लापरवाह तरीके से बैठना इसलिये सजग रह कर सार्वजनिक स्थानो पर व्यवहार करे।
ऽ देर रात अकेले ,यात्रा करने से बचें देर रात तक रोज यात्रा करना खतरों को आमंत्रित करना हैं
ऽ कार पार्क करते समय अपने बगल से गंुजरती हुई गााडी पर ध्यान रखे
ऽ बाहर जाते समय सैल फौन सदा साथ रखे
ऽ अपनी इमरजैन्सि नम्बर पहले से ही निर्धारित करके रखे
ऽ यदि संभव हो तो आत्म रक्षा के लिये जो प्रशिक्षण कार्य शालायेें आयोजित होती हें उसमें स्वयं जायें व अपनी बच्चीयों को उसमें भेजे।उससे आत्म विश्वास भी बठता है।
ऽ परिस्थिति कितनी भी विपरीत हो यदि हम में आत्म विश्वास व सजग है ंतो हम स्वय को पल भर में भी मुकाबला करने के योग्य बना लेंगें और बडे हादसे के होने से स्वयं को बचा पायेंगें ।
प्रेषक प्रभा पारीक
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