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Dr. Srimati Tara Singh
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छत्तीसगढ़ी लोकगीत व नृत्य पर हाइकु

 

 

 

lokgeet

 

-प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
01.
साल वन में
ददरिया के गीत
प्रेम-संगीत ।
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02.
घुमन्तु जत्था
पंडवानी की कथा
गायन प्रथा ।
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03.
घोटूल थाप
ताल संयोजन पे
मांदरी नाच ।
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04.
लय मृदंग
गीत नृत्य की गति
पंथी के संग ।
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05 .
हो कर्मा राजा
छत्तीसगढ़ नाचा
मांदर बाजा ।
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06.
सूआ के गीत
मोह माया से छूटी
नारी की प्रीत ।
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07.
गंगा की देवी
पहन ले भोजली
सोन कलगी ।
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08.
गौरा व गौरी
बैल औ कछुए की
करें सवारी ।
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09.
राऊत गीत
घुमती लाठियों ने
बता दी रीत ।
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10.
रुजू-ठुंगरु
देवारों के गीत रे !
मस्ती का जादू ।
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11.
मारिया गाते
ककसाड़ नृत्य में
पेड़ हँसते ।
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12.
भोजली मीत
माता के पूजन में
जँवारा गीत ।
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13.
बाँसों के वन
रिलो.. में झूम उठे
लोगों के मन ।
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14.
बाजे मांदर
शादी में डोमकच
संग झाँझर ।
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15.
छे.. छेरछेरा
भर दे माई मेरे
धान कटोरा ।
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16.
बन मोरनी
करमा में नाचती
गाँव की रानी ।
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17.
काठ का सजा
धोबी नृत्य का घोड़ा
ठुमुक नाचा ।
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18.
डंडों की मार
गीतों से मिल जाती
पैरों की ताल ।
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19.
शैला के देश
शैल नृत्य में साजे
नर्तक वेश ।
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20.
सरना कूल
सरहुल में नाचे
पूजा के फूल ।
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21.
वृषभ पूजा
सजे धजे पोरा में
निकले मेला ।
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22.
खेत की पूजा
हरेली में किसान
हल की सेवा ।
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23.
खमरछठ
माताएँ रखती हैं
संतान व्रत ।
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24.
बढ़ता प्यार
सुहागिनें मनातीं
तीज-त्यौहार ।
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25.
श्रृंगार गीत
ददरिया बताता
दर्द है मीत ।
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26.
पंडवानी में
शैलियाँ प्रचलित
वेद व कल्प ।
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27.
प्रीति जो टूटी
पिंजर बंद सूआ
नारी तुलती ।
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28.
गीत सुवना
रे..तरि नरि नाssना
ओ..सु आना ।
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29.
फुगड़ी गीत
वाला खेलों में गाती
माटी संगीत ।
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30.
मांदर थाप
ढोल मंजीर संग
गाते रे फाग ।
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31.
जोगी के गीत
ले रहे भरथरी
दासी से भीख ।
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32.
माँ का स्वागत
जँवारा बोते माँ के
गीत गा कर ।
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33.
लोक संगीत
गीत गाती पत्तियाँ
जगाती प्रीत ।
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34.
मयारु मन
लोकगीत चंदन
माटी वंदन ।
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35.
ऊँची गेंड़ी पे
कौशल का महत्व
मुड़िया नृत्य ।
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36.
बाँसों के गुन
ऊंगलियों में नाची
साँसों की धुन ।
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