01. प्रेम का रंग
लग हरषा तन
फगवा मन ।
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02. स्मृति के रंग
फूलों के मकरंद
सुंदर छंद ।
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03. फागुनी रंग
प्रेम से पगे मन
होली उमंग
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04. कर गुंजन
मधुकर रचता
होली के छंद ।
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05. खिले पलाश
होली में रंग गयी
गोरी उल्लास ।
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06. आयी है होली
बादल हुए लाल
देख अबीर ।
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07. मन बहके
फूटी स्वप्न कलिका
टेसू महके ।
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08. फागुन आये
गर हँसो वरना
हाय.. सावन ।
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09. होली उल्लास
श्याम रंग है खास
प्रेम आभास ।
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10. मन उल्लास
बौराया है फागुन
गा उठा फाग ।
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- प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
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