01. प्यारी व न्यारी
हिन्दी भाषा हिन्द की
लिपि नागरी ।
02. सजी है हिन्दी
माँ भारती के माथे
बन के बिन्दी ।
03. हिन्दी प्रखर
झरझर स्वर में
बहे निर्झर ।
04. हिन्दी की नदी
कलकल करती
गीत सुनाती ।
05. हिन्दी की वाणी
सूर मीरा तुलसी
धन्य लेखनी ।
06. हिन्दी है मान
हृदय से सुनाती
मानस गान ।
07. धन्य साकेत
थी नारी उपेक्षित
हुई मण्डित ।
08. सोने सी खरी
चाँदी जैसी उज्ज्वल
निर्मल हिन्दी ।
09.माटी सुगंध
ममता का आँचल
करूणा हिन्दी ।
10. उर्दू की दीदी
मराठी की संगिनी
गौरव हिन्दी ।
11. है वरदान
शारदे का सम्मान
हिन्दी महान ।
12. ज्ञान है हिन्दी
हमारी पहचान
सम्मान हिन्दी ।
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□ प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
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