साल 2012 में दुनिया खत्म हो जाने का दावा किया जाता रहा कई तारीखों का ऐलान भी किया गया जिसमे विश्व के समाप्त हो जाने की बात कही गई लेकिन 16 दिसम्बर की वो खोफनाक रात दुनिया में हर किसी के लिये एक जलजला ले आई जिसकी गूंज अभी भी कानो में गूंज रही है वो तारीख विश्व में तबाही ले आई जिसमे उस मासूम लड़की की दर्द भरी चीखे सुनाई देती है और जिसने देश की हर उस ओरत की आजादी और अपने देश में उसकी सुरक्षा का भरोसा भी उससे छिन लिया
दिल्ली में गैंगरेप की शिकार दामिनी के दिल दहला देने वाले हादसे के बाद हर किसी की आँख में खोफ का साया नजर आता है
अब किसी को चैन की नींद नहीं आ सकती खासकर एक स्त्री को तो कभी नहीं जिसे देश की पुलिस पर विश्वास था
कलयुग में आये इन नरपिशाचो ने इंसानियत को कलंकित तो कर ही दिया है साथ ही स्त्रियो के आत्मविश्वास को भी नोच के खा चुके है
दामिनी बलात्कार की घटना को कुछ दिन टीवी पर आने के बाद सब भूल जायेंगे परन्तु किसी भी स्त्री को इस बात को भूलने और अपने खोये हुये विश्वास को फिर से लाने में शायद बहुत वक़्त लग जायेगा और रात के अँधेरे में हर ओरत को निकलने से पहले एक बार शायद जरुर उस लड़की के साथ हुये हादसे का ध्यान आएगा जो अभी भी जिन्दगी और मौत की जंग लड़ रही है
जिसके जल्द से जल्द ठीक हो जाने की दुआ हर कोई रहा है उस बहादुर लड़की का जज्बा ही है जो उसे जीने की हिम्मत दे रहा है
और शायद इसीलिए पूरा देश उसके लिए खड़ा हो गया है जो पुलिस की लाठियो से भी नहीं घबराये और उन दरिंदो को फासी देने की मांग करते रहे परन्तु देश की सरकार जाच करने का दिखवा करके टालने की कोशिश करती रही
एक ओरत की आबरू छिन जाने के बाद भी न जाने देश की सरकार किस कानून का इंतजार कर रही है जो उसे इंसाफ दिला सके या जिसके इन्तजार में उसकी साँसे अभी भी चल रही है ये देखने के लिए की उसके साथ हुऐ इस भयानक हादसे को अंजाम देने वालो को मौत की सजा दी गई की नहीं
और अब उसी जज्बे और हिम्मत दिखाने का समय है हर ओरत को अब किसी पुलिस पर विश्वास न करके अपनी
सुरक्षा का इंतजाम खुद करना होगा जिससे उन दरिंदो के होसले पस्त हो जाए जो रात के साए में भोली भली लडकियों को अपना शिकार बनाते है और बदनाम उन्हें ही करते है
Pragya sankhala
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