Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जब जब हम ये दीप जलाये

 

जब जब हम ये दीप जलाये १
खुशियों के मोती जगमगाये ११


नैनो में ना हो दुःख का अँधेरा १
चमचमके खुशियों का सवेरा ११

 

जब जब हम ये दीप जलाये १
खुशियों के मोती जगमगाये ११


रातों में ना हों भीगी अँखिया १
मुस्कान के मोती बिखराये ११



चिंता होती चिता बराबर १
पल पल जीवन लुतफ उठाये ११

 

जब जब हम ये दीप जलाये १
खुशियों के मोती जगमगाये ११

 

हाथ जोड़कर जब भी बैठे १
सुख कामना सबकी करले ११

 

कलकल करते पानी में हम १
अपने अश्रु ना बहाये १ १

 

जब जब हम ये दीप जलाये १
खुशियों के मोती जगमगाये ११

 

दीपो के इस पर्व को हम १
अपने रंगों से सजाये १ १

 

दुःख दर्द की गलियों को हम १
खिलखिलाकर पार करें १ १


जब जब हम ये दीप जलाये १
खुशियों के मोती जगमगाये ११

 

 

Pragya sankhala

 

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