इस बार जाकर देखना बाज़ार,
वो खड़ा होगा लेकर आने दो चार।
आया होगा मेहनत को बेचकर,
खून पसीने से चलता होगा परिवार।
रे चुन्नी बोली होगी दिया लाना,
बापू घर लौट के जल्दी ही आना।
मनुआ के मन जली फुलझड़ियाँ
बापू खरीद लाओ मुझे है खेलना।
कैसे वो लाये सपनो का संसार,
यहाँ चलता है सिक्को का व्यापार।
लाचारी उसकी दिखावा लगती,
तेजस तुम्हारा है जीवन ही बेकार।
©प्रणव मिश्र'तेजस'
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