Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

तेरी आँखों में आज भी एक सवाल है

 

तेरी आँखों में आज भी एक सवाल है
रे तुझे वो न जाने क्यों लगा बवाल है
पलती है दोनों के जहन घुटन जिंदगी
प्रिये जो तेरा हाल है वही मेरा हाल है

 

हम साँझ सवेरे याद तो करते तुमको
तेरी तस्वीर ले प्यार तो करते तुमको
पर तेरा दिन इसी कशमकश बीता है
कैसे भूलूँ इसे जो मेरे दिल में रहता है

 

 


---प्रणव मिश्र'तेजस'

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ