मेरे यहाँ जब शादी का कार्ड आता है तो बड़ा अकेला बेटा होने के कारण मुझे भेज दिया जाता,वैसे अब बड़ा हो गया तो जाना पढ़ता/,,,कभी मज़बूरी में कभी लालच में।हाँ लालच बहुत बड़ा वाला।अब बात की वहां जाता कौन कौन???पहले जाते वो जिनको प्रपंच करना होता मतलब मोहल्ले के पत्रकार फिर जाते वो जिनको लड़कियाँ देखनी ,,,हाँ हाँ लड़कियां देखनी मतलब सिटियाबाज(मैं स्वयं के विषय में नही जनता हूँ या नही ये आप बता सकते) फिर जाती महिलाये क्यों की उनको जेवर,,कपड़े और दहेज़ देखना होता फिर कई हफ़्तों तक चर्चा करनी होती इसी पर अंत में जाते मज़बूरी वाले और मैं हाँ मैं उनमे से जो सिर्फ खाने जाता (पंडित हूँ न ) पहुँच गया शादी में।सब अपने अपने कार्यो में लगे । मैं देखता खाना कब चालू होगा।अरे हाँ एक बात घर वालों की विशेष हिदायत खास कर माँ और दीदी की ,कि दूल्हे का फ़ोटो अइँच लाना।भाई खाना चालू हुआ ----प्रणव पहुँचा ।प्रारम्भ बरातियों से होता है और मैं जानती अगर हूँ तो बाद में मिलता पर मैं बड़ा चतुर हूँ खाता उन्ही के साथ।भाई कोल्ड ड्रिंक चालू हुई ----छीना झपटी में मिलती पर कपड़ो को दाग देकर ।शर्ट या पेंट में से कोई एक फिर से धुलना।मिल गई मानो गंगा मिल गई मगहर में इतनी ख़ुशी।अब टिक्की चालू .......मैं जानती मिलनी नही।दिमाग लगाया।अंकल वो आंटी में 5 टिक्की मँगवाई कोई ख़ास मेहमा आये।लो अब बाकि सब मेरा मुँह देखे और मुझे मिली 5 टिक्कियाँ बिना किसी गृह युद्ध के।न कपड़े ख़राब न मेरा hairstyle ।जितनी खा पाया कई बाकि दोस्तों को इनाम जो अब मेरे एहसान तले दबने वाले।अब ऐसे ही आइसक्रीम उड़ाई जो मुझे बेहद पसन्द। चूँकि एक आइसक्रीम बराबर 25 ₹ इसलिए 5= 125₹ ।अब मेरी fav चाउमीन ----कम से कम दो प्लेट एक में कर के पेट भर के -- नट्टी(गर्दन) तक खाई,,,,अरे यार बाहर बड़ी महँगी मिलती यहीं खाना अगली शादी तक के लिए।लो अब पेट भर गया मिश्र जी का।चलना चाहिए-----2 आइसक्रीम हो जाये।अब न्यौता किया लड्डू लिए और चला .......अरे एक काम बचा बकरे का फ़ोटो लेना।अरे बकरा मतलब दूल्हा ।लो ले लिए 3-4 पोज उस बकरे के।इन फ़ोटो का क्या होगा पता,,,,सुबह इनका कमीनिकालन संस्कार होगा माँ और दीदी द्वारा।
---प्रणव मिश्र'तेजस'
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