Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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यह जिस्म तो किराये का घर है

 

 

यह जिस्म तो किराये का घर है...
एक दिन खाली करना पड़ेगा...||
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ ...
रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा...।।
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी
समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा...||
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी...
सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा...||
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू...
एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा...||
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद...
दूसरों के लिए भी थोडा जीना पड़ेगा...||
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त...
तेरा क्या है...
क्या साथ लेके जाना पड़ेगा...||
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ ...
खाली हाथ आया खाली हाथ जाना पड़ेगा...||
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से...
कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा...||
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ ....
रोज़ यहाँ किसी को "आना"
तो किसी को "जाना" पड़ेगा...||

 

 

 

Prashant Gupta

 

 

 

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