Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बहुत रोते है वो फैसला करके

 

 

बहुत रोते है वो फैसला करके,
चले गये थे कभी बहाना करके,

 

तमाशा बन गये है खुद पर ही,
आदत थी न आना वादा करके,

 

एक पागल से था रिश्ता उसका,
उसको भी गंवाया तमाशा करके,

 

 

 

Pratap Pagal

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