जिंदगी में कब कौन किधर काम आ जाये,
सफ़र में कैसा भी हमसफ़र काम आ जाये,
किसी भी चीज की अहमियत अपनी जगह,
काटकर रखलो कंही मेरा सर काम आ जाये,
पढ़े लिखे लोग कंही पर सच बोलते होंगे,
झूठ में जरुरी नही मुकद्दर काम आ जाये,
पुस्तैनी हवेली सर नही छुपा सकती अब,
हथियार की जगह इक शायर काम आ जाये,
Pratap Pagal
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