Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जिंदगी में कब कौन किधर काम आ जाये

 

 

जिंदगी में कब कौन किधर काम आ जाये,
सफ़र में कैसा भी हमसफ़र काम आ जाये,

 

किसी भी चीज की अहमियत अपनी जगह,
काटकर रखलो कंही मेरा सर काम आ जाये,

 

पढ़े लिखे लोग कंही पर सच बोलते होंगे,
झूठ में जरुरी नही मुकद्दर काम आ जाये,

 

पुस्तैनी हवेली सर नही छुपा सकती अब,
हथियार की जगह इक शायर काम आ जाये,

 

 

 

Pratap Pagal

 

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