"वो जानती है कि
नवाज़ती है फिज़ा हर एक लम्हा मुझे,,,
पूछती है फिर भी जाने क्यों....
कैसी तबियत है तुम्हारी.....????
हो जाता हूँ पत्थर सा.....
ये मुहब्बत किसी रोज़
जान लेकर रहेगी मेरी...."
Pratap Pagal
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"वो जानती है कि
नवाज़ती है फिज़ा हर एक लम्हा मुझे,,,
पूछती है फिर भी जाने क्यों....
कैसी तबियत है तुम्हारी.....????
हो जाता हूँ पत्थर सा.....
ये मुहब्बत किसी रोज़
जान लेकर रहेगी मेरी...."
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