वो कुछ देर मेरे साथ रहा तो लगा शायद दुनिया और भी है हसीं....मैंने अपने रास्तों के सारे सफे इक एल्बम में बंद कर दिए. दिल की दीवार पे जो गर्द चिपकी थी उसपर हल्का रंग पुतवा दिया....और फिर उसके काले घनेरे गेसुओं में इक लट को थामे सो गया पुराना कोई कतरा ख्वाब का ओढ़ कर .....कि आह उसका अहसास सारी दुनिया सा अलग है इक सुकून है....
Pratap Pagal
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