कभी खुदा तो कभी बनकर राम करता है
हर जुडे हाथ का वो ही इंतजाम करता है
जिनके दिल अक्ल की बातो मे जकड़ जाते हैं
वो मोहब्बत मे बहुत जल्द पिछड़ जाते है
जहन मे दुनिया समां जाती है मौका पाकर
हम भुलाकर तुम्हें जंजाल मे पड जाते हैं
तुमसे बिछुडे तो कोई ख्वाब ना देखा हमने
रख लिया था आंखो का उस दिन से रोजा हमने
तुम हकीकत में कोई बात समझते ही कब थे
ये तो पीपल है कई बार कहा था हमने
pratap raj arya
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