एक नमन उन शहीदों को
जब जब कोई सर कटता है, तब तब कोई घर जलता है!!
एक नमन उन शहीदों को
जो प्राण न्योछावर करते है,
कायरो की बर्बरता से ना कभी वो डरते है,
मातृभूमि की रक्षा करने को जो आगे बढ़ जाते है,
उस शौर्य के आगे दुश्मन भी थर्राते है,
उन बेटो की आँखों के डोरे आज लाल है,
दुश्मनो ने बर्बरता की चली घिनोनी चाल है,
भारत माता की आँखों मै पानी है चिनगारी है,
गदारो ने भारत के आँचल पर चोट मारी है,
उनकी बलिदानी देख सारा भूमंडल काँप गया होगा,
और भारत माता की आँखों में लावा फुट गया होगा,
उनकी यश गाथा लिखने को अम्बर टूट पड़ा होगा,
और समंदर उनकी क़ुरबानी पर सूख गया होगा,
उनका तेज देखकर सूर्य की किरणे छिप गई होगी,
और हिमालय की चोटी कन्धा देने को झुक गई होगी,
घाटी भी अब चीक रही है, उन वीरो की क़ुरबानी,
आंसू आंसू रोयी होगी गंगा का बहता पानी,
उनके अभिनन्दन में भवसागर भी तड़फ गया होगा,
वीर जवानों के सीने में शोला भड़क गया होगा ,
अब एक भी दुश्मन जिन्दा बचके ना जाने पाये,
अब फैसला आर पार का होने दिया जाये ।
और एक के बदले अब बीस सीस काटे जाये ॥
प्रवीण कुमार
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