Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कभी-कभी तू मुझे एक झूठ सा लगता है

 

कभी-कभी तू मुझे एक झूठ सा लगता है

 

पर अपना सा लगता है

 

कि कोई मुझे ऐसा प्यारा
कैसे मिल सकता है
कि क्या सच में तू मुझे
इतना समझता है
एक पल बस में यूं ही
सोच में पड़ जाती हूं
कि तुम वास्तव में,
मेरे इस पल के सबसे अच्छे वक्त हो
और यदि तुम कभी ना बदले,
यूं ही रहे
तो तुम मेरी जिंदगी के सबसे अच्छे वक्त बन जाओगे
कभी-कभी तू मुझे एक झूठ सा लगता है
कि कभी-कभी मुझे एक डर सा लगता है
कि कहीं मैं तुझे खो ना दूं
कि कहीं मैं तुझे रूठने पर मना ना सकी तो
कि कहीं यह सब खुद ब खुद मना करदे ,
यह पल ,यह लम्हे ,यह वक्त
कि हम तो तेरे थे ही नहीं
कभी-कभी तू मुझे एक झूठ सा लगता है
कि मेरी यह सोती बंद आंखें
मुस्कुराता चेहरा और तेरी यादें
मेरे टूटे सपने में ना बिखर जाएं
कि तू मुझे एक सपना सा लगता है
सच,☺
तू मुझे एक झूठ सा लगता है
पर अपना सा लगता है।

 

 

 

 

Preeti Jaiswal

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