हर पल खुशनुमा है
हर लम्हा महक रहा हैं .
ज़िन्दगी को हर दिन
अब जीना हमे यहाँ हैं.
तरीका तुम चुन लो
जीने का यहाँ पर
क्यूंकि ज़िन्दगी जीना भी
एक अनोखी कला हैं.
हर पल खुशनुमा हैं
हर लम्हा महक रहा हैं.
नीले आसमा का साया
मद्धम चलती यें पवन
लहराती पत्तियाँ,इतराती तितलियाँ
अब हर पल नया सा
मनोरम लग रहा हैं
हर पल खुशनुमा हैं
हर लम्हा महक रहा हैं
ऐसा जहान दूजा नही
बस जो हैं यहाँ हैं
पक्षी को देखा हैं
उचाईयों तक उड़ता हैं
चाहो तो जी लो
एक वरदान जो मिला हैं
हर पल खुशनुमा हैं
हर लम्हा महक रहा हैं.
Preeti Jaiswal
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