Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सिगरेट के छल्ल्लों से उदासी नहीं जाती

 

 

सिगरेट के छल्ल्लों से उदासी नहीं जाती
कहने को जिंदगी है मगर जी नहीं जाती

 

माना की गमगुसारी1 का नुस्खा ये है अच्छा
अच्छी है मयकशी ये मगर पी नहीं जाती

 

जब से है जो सुना की बोलने लगे पत्थर
अब तो ये मूरतें भी तराशी नहीं जाती

 

आ जाती है सदायें फ़लक़ से भि टकराकर
जो दिल से हो न गुज़री वहां भी नहीं जाती

 

समझौता "बावरे" कर ख़ुदी से ये होता है
उल्फ़त में यार खुशियाँ तलाशी नहीं जाती

 

 

गमगुसारी=>दुःख दूर करने वाली

 

 

 

 

Purushottam Pratik Bawra

 

 

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