" आज करें कुछ ऐसा हम ,
सब कहें दीवाली ऐसी हो ,
इस चरखी जैसी दुनिया में ,
जिंदगी फुलझड़ी जैसी हो ,
अगर चूक जाओ इस आतिशबाज़ी से ,
तो एक नेक काम तुम कर देना ,
एक मायूस चेहरे पे मुस्कान या
भूखे का पेट तुम भर देना ,
वो भी हिस्सा हैं इस पल का ,
चाहे उनकी करनी कैसी हो ,
वो भी खुशी से झूमें कहें ,
मेरी हर दीवाली ऐसी हो ,
मेरी हर दीवाली ऐसी हो !"
पुष्पेंद्र सिंह कुशवाह ' युवराज '
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