Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बैठे ठाले यूं ही बस...........

 

 

भीग जातीं माचिसों की तिल्लियां बरसात में
झींगुरों के संग आतीं इल्लियाँ बरसात में |

 

घर में चूहे घूमते हैं शेर बन कर आजकल ,
लड़ रहीं हैं छतके ऊपर बिल्लियाँ बरसात में |

 

क्रीज़ पर अब भी डटे हैं कुछ खिलाड़ी मैच में
उड़ गईं हैं जबकि उनकी गिल्लियां बरसात में |

 

बाढ़ का पानी घुसा है शहर में इस बार भी
रोक ना पायीं उसे कुछ झिल्लियाँ बरसात में |

 

मेढकों की क्या कहें चीनी सिपाही हो रहे
रुक ना पाते रोकतीं हैं दिल्लियाँ बरसात में |

 

 

---आरसी

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