बे वजह अब मुस्कुराता कौन है
आग सीने में लगाता कौन है |
याद का तूफां उठाता कौन है
रात भर हमको जगाता कौन है |
चुप रहें तो दम घुटा जाता मगर
बोलते तब चुप कराता कौन है|
पूछते हो तुम जुदाई का सबब
पर हदों के पार जाता कौन है |
आप भी दामन छुडाकर चल दिए
दिलजलों से दिल लगता कौन है |
आपकी तारीफ़ में अब क्या कहें
दीप सूरज को दिखाता कौन है |
पाक दामन आप थे हम भी मगर
दाग दामन पर लगाता कौन है |
शेखियां सब झाड़ते हैं “ आरसी “
आसमां धरती पे लाता कौन है|
आर० सी० शर्मा “आरसी”
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