हम ठोस धरातल दे न सके,
दीवानों के अरमानों को|
कुछ पल न संजोकर रख पाए,
उनकी यादों, सम्मानों को|
इतरा इतरा कर चलते हैं,
हम आज़ादी की जाजम पर|
श्रद्धा के सुमन चढ़ा न सके,
हम वीर शहीद-ए-आज़म पर|
--आरसी
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हम ठोस धरातल दे न सके,
दीवानों के अरमानों को|
कुछ पल न संजोकर रख पाए,
उनकी यादों, सम्मानों को|
इतरा इतरा कर चलते हैं,
हम आज़ादी की जाजम पर|
श्रद्धा के सुमन चढ़ा न सके,
हम वीर शहीद-ए-आज़म पर|
--आरसी
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