Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जान दे दूं मगर खता क्या है

 

जान दे दूं मगर खता क्या है
तू बता दे तेरी रजा क्या है |

 

रोज़ सजदा तुझे किया मैनें
जो करम ना करे खुदा क्या है |

 

बात सुनता नहीं कभी मेरी
ये बता दे कि फिर सुना क्या है |

 

बिन कहे क्या पता चले मुझको
दर्द दिल में छुपा हुआ क्या है |

 

खामुशी है यहाँ सरे महफ़िल
कोइ बोले मगर हुआ क्या है |

 

खोल दूं राज पर न पूछ मुझे
ये बता तू कि जानता क्या है |

 

कोइ सुनता नहीं किसी की तो
ये नवाजिश ये शुक्रिया क्या है |

 

दिल दुखाने की बात मत करना
रंजिशों में भला रखा क्या है |

 

 

आर० सी० शर्मा “आरसी”

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