Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जहां तू पानी समझ रहा है

 

जहां तू पानी समझ रहा है
मत जाना दलदल निकलेगा

 

अपने भीतर झाँक ज़रा सा
काजल ही काजल निकलेगा

 

सूरत से मासूम दिखेगा
पर वो ही कातिल निकलेगा

 

अक्षर अक्षर जोड़ “आरसी”
इक दिन तू भी चल निकलेगा

 

 

- आर० सी० शर्मा “आरसी”

 

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