Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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राह चुनने का हमें जब बोध होगा

 

 

राह चुनने का हमें जब बोध होगा,
यात्रा में फिर नहीं अवरोध होगा॥

 

जीत पायें प्रेम से यदि शत्रु-मन को,
इससे बढ़कर और क्या प्रतिशोध होगा॥

 

टूट जाना क्रम कहीं संवाद का भी,
वार्ता के मार्ग में गतिरोध होगा॥

 

हो गईं क्यों कर अनैतिक नीतियाँ सब?
इस विषय पर बोलिए कब शोध होगा॥

 

है प्रयासों में सतत विश्वास लेकिन,
यह हमारा आखिरी अनुरोध होगा॥

 

"आरसी" और वो भी पत्थर के घरों में,
आपको सुनकर के विस्मयबोध होगा॥

 

 

-आर सी शर्मा “आरसी”

 

 

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