आज 27वीं पुण्यतिथि पर पावन स्मरण एवं नमन
तेरा उपकार है
तेरा उपकार है भगवती माँ
मुझको मानव की काया मिली है ।
मेरा सौभाग्य है भगवती माँ
तेरी ममता की छाया मिली है ॥
खोलकर नैन जब मैंने देखा
सबसे पहले तुम्हें ही निहारा ।
मुख से वाणी प्रथम जब भी निकली
तोतले स्वर में तुमको पुकारा ।
कैसे भूलूँ वो गोदी जहाँ पर
मेरे जीवन की कलिका खिली है ॥
मेरा सौभाग्य है भगवती माँ
तेरी ममता की छाया मिली है ॥
सुख बड़े से बड़ा भी जगत का
बड़ा ममता के सुख से नहीं है ।
माँ के आँचल सिवा स्वर्ग कोई
सारी दुनिया में दूजा नहीं है ।
मेरे जीवन की अनमोल दौलत
तेरे अनुराग की अंजली है ॥
मेरा सौभाग्य है भगवती माँ
तेरी ममता की छाया मिली है ॥
तेरे बिन कौन है जग में मेरा
जिसको पीड़ा मैं अपनी सुनाऊँ ।
बैठ चरणों में जिसके घड़ी भर
अपने सारे दुखों को भुलाऊँ ।
तूने सिर पर रखा हाथ मेरे
धूप जैसे सुखों की खिली है ॥
मेरा सौभाग्य है भगवती माँ
तेरी ममता की छाया मिली है ॥
- डाॅ. राम वल्लभ आचार्य
चित्र- मेरी मातुश्री श्रीमती भगवती देवी आचार्य
जन्म 25 जून 1930 - निधन 12 सितम्बर 1990
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