प्रस्तुत है एक बालगीत -
आये अपने मौसा जी
आये अपने मौसा जी ।
खाते हुए समोसा जी ।
पहले खाये पकौड़़े जी ।
फिर सटकाये मंगोड़े जी ।
पपड़ी पापड़ भुजिया खाई,
खस्ता दही परोसा जी ॥
आये अपने मौसा जी ॥
खाकर सेंव ये बोले जी ।
लाओ टिकिया छोले जी ।
खाये गराड़ू और ढोकले,
पेट को पाला पोसा जी ॥
आये अपने मौसा जी ॥
खाई कचौड़ी खड़े खड़े ।
पानी पताशा दही बड़े ।
इडली सांभर, बड़ा, उप्पमा ,
गटक गये फिर डोसा जी ॥
आये अपने मौसा जी ॥
- डाॅ. राम वल्लभ आचार्य
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