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Dr. Srimati Tara Singh
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आये अपने मौसा जी

 

प्रस्तुत है एक बालगीत -

आये अपने मौसा जी

आये अपने मौसा जी ।
खाते हुए समोसा जी ।

पहले खाये पकौड़़े जी ।
फिर सटकाये मंगोड़े जी ।
पपड़ी पापड़ भुजिया खाई,
खस्ता दही परोसा जी ॥
आये अपने मौसा जी ॥

खाकर सेंव ये बोले जी ।
लाओ टिकिया छोले जी ।
खाये गराड़ू और ढोकले,
पेट को पाला पोसा जी ॥
आये अपने मौसा जी ॥

खाई कचौड़ी खड़े खड़े ।
पानी पताशा दही बड़े ।
इडली सांभर, बड़ा, उप्पमा ,
गटक गये फिर डोसा जी ॥
आये अपने मौसा जी ॥
       - डाॅ. राम वल्लभ आचार्य 

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