Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जय मोहन गिरधर

 

जय मोहन गिरधर************ॐ जय मोहन गिरधर,
स्वामी जय मोहन गिरधर ।।
नंद नंदन नट नागर, कृष्ण राधिकावर ।।
स्वामी जय मोहन गिरधर ।।

श्यामल बरन सुहावन, सुन्दर मुख चन्दा ।
वासुदेव यशुदा सुत, प्रभु आनँद कंदा ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

नयन विशाल, श्रवन में कुण्डल झलकाला ।
भाल तिलक, कंठन में बैजन्ती माला ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

पीताम्बर कटिकाछिनी, पटका मन मोहे ।
सीस पाग केसरिया, मोर मुकुट सोहे ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

नवल किशोर श्याम सँग, शोभित श्री राधा ।
युगल रूप मनभावन, मेटत भव बाधा ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

रुक्मिणी रमण मुरारी, मुरलीधर नटवर ।
हरि गोपाल कन्हैया, चक्र सुदर्शन धर ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

केशव कुंज बिहारी, माधव बनवारी ।
वासुदेव बृज वल्लभ, गोवर्धनधारी ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

द्रुपद सुता के रक्षक, गोविन्द रासेश्वर ।
द्वारिकेश, कंसारी, अच्युत योगेश्वर ।।
ॐ जय मोहन गिरधर ।।

श्री राधा वल्लभ की ,आरती जो गावे ।
 

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