Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जयति जय हे गंगे माता

 
जयति जय हे गंगे माता
जयति जय हे गंगे माता,
जयति जय हे गंगे माता ।
जय सुरसरि जय मातु जाह्नवी,
जय भव भय त्राता ।
जयति जय हे गंगे माता ॥
हरि के चरण कमल से निकलीं
शंकर शीश धरे ।
अमृत सलिल विमल धारायें
जन मन प्राण भरें ।
हे दुखहारी, अति शुभकारी,
मुद मंगल दाता ॥
जयति जय हे गंगे माता ॥
पाप नाशिनी, पुण्य दायिनी
कलिमल कलुष हरे ।
तेरे अवगाहन से माता
पापी अधम तरे ।
भागीरथी तुम्हारी महिमा
सकल भुवन गाता ॥
जयति जय हे गंगे माता ॥
सुर नर मुनि योगी सन्यासी
तेरी आस करें ।
तेरे भक्तों से तो माता
यम के दूत डरें ।
पुण्यमयी हे पतित पावनी
त्रिभुवन विख्याता ॥
जयति जय हे गंगे माता ॥
          - डाॅ. राम वल्लभ आचार्य
गंगावतरण दिवस ( गंगा दशहरा)  की हार्दिक बधाई एवं आत्मीय शुभकामना !
आइये गंगा को निर्मल बनाने में सहयोग करें ।

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