Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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*पधारो दशरथ नन्दन राम*

 

*पधारो दशरथ नन्दन राम*
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बना है मंदिर भव्य ललाम ।
पधारो दशरथ नंदन राम ।।

पुरातन पुण्य भूमि यह रम्य ।
जहाँ का कण कण परम प्रणम्य । ।
अयोध्या जन्मभूमि सुखधाम ।।
पधारो दशरथ नंदन राम ।।

आपके चरणों में अनुरक्त ।
राह में नयन बिछाये भक्त ।
दिखाओ छबि अपनी अभिराम ।।
पधारो दशरथ नंदन राम ।।

कर रहे कोटि कंठ वन्दन ।
विनय सुन‌ लें रघुकुल चंदन !
आपकी कृपा रहे अविराम ।।
पधारो दशरथ नंदन राम‌ ।।
© रचनाकार - डाॅ. राम वल्लभ आचार्य
 

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