*श्रद्धा - वंदन*
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जिसने अपने उपदेशों से
जन जन का कल्याण किया ।
सत्य अहिंसा का सुमंत्र दे
मानवता का त्राण किया ।
ऐसे ज्ञान शील गुण सागर
विद्या सागर योगी ने,
वीतराग निस्पृह जीवन जी
जग से महाप्रयाण किया ।।
आचार्य श्री को विनम्र श्रद्धांजलि !
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