Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वह मेरा वेलेन्टाइन है

 
वह मेरा वेलेन्टाइन है !
जिसके हाथ कटोरा खाली,
दिन काले रातें भी काली, 
आँसू ही जिसका साइन है
वह मेरा वेलेन्टाइन है ॥
ढूँढ रहा कचरे में जीवन ।
उधड़ रही साँसों की सीवन ।
आँखों में दर्दों के जाले
होंठों पर हैं ग़म के प्याले,
पीड़ा ही जिसकी वाइन है ॥
वह मेरा वेलेन्टाइन है ॥
फुटपाथों पर जिसका घर है ।
फिरता जो दिनभर दर दर है ।
जिसको मिलते नहीं निवाले,
खुलते नहीं भाग्य के ताले ।
जिसके पास नहीं क्वाइन है ॥
वह मेरा वेलेन्टाइन है ॥
दया दृष्टि पर ही जो पलता ।
पर सबकी आँखों को खलता ।
जिसकी पूँजी केवल आहें,
विधवा हुईं कुँवारी चाहें ।
हर धड़कन दुख की माइन है ॥
वह मेरा वेलेन्टाइन है ॥
         - डाॅ. राम वल्लभ आचार्य

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